THE WORST ANIMAL(HUMAN)-22
जितने भी लोग मौजूद थे उन सभी की उम्र 35 से 40 साल के बीच में थी और उनमें एक आदमी भी ऐसा भी था जिसकी उम्र 20 से 25 साल की उम्र थी। वह कुर्सी लगाकर जगह बैठा रहता उन सब को क्या करना है उसके निर्देश देता।
इन सब की पूरी प्लानिंग उस आदमी की होती थी और जैसा वह कहता था यह सभी लोग वैसा का वैसा करते जाते। इन सभी को वो कुछ पैसे देता था कितने देता था यह अभी नहीं पता और यह सभी लोग उसकी बात क्यों मानते थे यह भी अभी नहीं पता।
अगले दिन उन सभी के फोन पर एक मैसेज आ जाता है और उस मैसेज में किसी का एड्रेस और किसी का नाम था जो उनके अगला टारगेट था।
वह सभी लोग सुबह से ही काम में लग जाते हैं अपने टारगेट के लिए उन लोगों ने बहुत ही बेहतरीन तरीके से प्लानिंग की थी लड़की को मॉल से उठाने का प्लान था उन लोगों का।
एक लड़की जिसकी उम्र 25 साल के आसपास थी वह मॉल में किसी से मिलने गई हुई थी। वह मॉल में एंट्री करती है उसके आसपास ही वह लोग मौजूद थे । वह अंदर की तरफ जाती है और एक कैंटीन में जाकर बैठती है वेटर आता है उसके पास और उससे आर्डर लेकर चला जाता है उन लोगों में से 2 लोग सफाई वाले के कपड़े पहनकर मॉल में सफाई कर रहे होते हैं।
जो उस लड़की पर अच्छे से नजर रख रहे थे कुछ देर बाद वो लड़की कॉपी पीके सीडीओ से ऊपर की तरफ जाती है कुछ शॉपिंग करने लगती है। दो लोग उसके पीछे पीछे ही मॉल में घूम रहे थे घंटे भर बाद वह लड़की वापस नीचे आती है तभी उसे एक आदमी टकरा जाता है और वह उस लड़की को सॉरी बोल कर आगे निकल जाता है।
लड़की कुछ ही कदम चलती है और बेहोश होकर नीचे गिर जाती है वह आदमी दूसरे वाले गेट से बाहर की तरफ निकल जाता है और दोनों सफाई वाले भाग कर उसके पास आते हैं और उसे उठाने की कोशिश करते हैं और लोगों की भीड़ लग जाती है तभी एक सफाई वाला आदमी बोलता मैं एम्बुलेंस को कॉल करता हूं और वह एंबुलेंस को कॉल करता है। 10 मिनट के अंदर अंदर ही एंबुलेंस आ जाती है और दो आदमी भाग के अंदर आते है।
और उस लड़की को उस पर लेटा कर लोग की बाहर की तरफ ले जाते हैं एंबुलेंस इस लिए जल्दी आई क्योंकि वह पहले से ही बाहर इंतजार कर रही थी।
दोनों सफाई वाले वहां से बाहर निकल जाते हैं और वह दोनों लोग एंबुलेंस में डालकर उस लड़की को इस फैक्ट्री की तरफ लेकर निकल जाते हैं। मॉल में सभी लोग फिर अपने अपने काम पर निकल जाते हैं।
शाम को रंजना ऑफिस से निकल जाती है वह ऑटो का इंतजार कर रही होती है तभी उससे सुधीर की कार दिखाई देती है जो उसके पास आके गाड़ी रोकता है। रंजना जाकर उसके पास वाली सीट पर बैठ जाती है अब वह सुधीर के साथ कंफर्टेबल फील कर रही थी बात तो दोनों के बीच ना के बराबर हुई थी।
पर फिर भी सुधीर के साथ सुरक्षित महसूस कर रही थी रंजना सुधीर को गाड़ी पास वाले मॉल में रोकने का बोलती है मुझे कुछ सामान खरीदना है और आप निकल जाना मुझे देर हो जाएगी।
सुधीर ने कहा कोई बात नहीं चलो मैं भी कुछ घर के लिए सामान ले लेता हूं आप मेरी हेल्प कर लेना।
सुधीर गाड़ी पार्किंग में लगाता है फिर दोनों अंदर चले जाते हैं वह उससे पूछती है आपको कौन सा सामान लेना था बताइए पहले आप का सामान ले लेते हैं।
सुधीर बोला मुझे घर का सामान लेना था किचन का जिससे मुझे खाना बनाने में आसानी हो।
रंजना और सुधीर दोनों उस एरिया में गए जहा किचन का सामान मिलता था पहले रंजना ने सारे राशन का सामान लिया फिर उसके लिए कुछ किचन की आइटम ली जो उसकी हेल्प कर सकती थी जैसे प्याज टमाटर वगैरा काटने के लिए कटर क्योंकि सुधीर ने उसे बताया था कि प्याज काटते वक्त उसकी आंखों से पानी आता है और टाइम भी लगता था ऐसे ही उसने काम का सामान भी लिया
परी के लिए कुछ खाने का सामान लिया कुकीज वगैरह बिस्किट , लिए उसके लिए आज चॉकलेट वगैरह।
उसने सुधीर से पूछा और कुछ लेना था आपको तो सुधीर ने ना में गर्दन हिलाई तो रंजना बोली अब मुझे गिफ्ट लेना है मैं वह लेकर आती हूं । सुधीर बोला गिफ्ट किसके लिए रंजना बोली कल साहिल का बर्थडे है उसी के लिए रंजना ने कुछ सामान और भी लिया और साहिल के लिए एक बढ़िया सा वीडियो गेम लिया।
सुधीर ने बिल पै किया फिर रंजना ने अपने सामान का बिल पै किया । फिर दोनों ही पार्किंग में गए वहां से गाड़ी लेकर बाहर की तरफ आए तो वहां सुधीर को एक आइसक्रीम वाला दिखा सुधीर ने गाड़ी रोकी और आइसक्रीम लेकर आया उसने चार आइसक्रीम लाई थी एक अपने और परी के लिए तो दूसरी और तीसरी साहिल और रंजना के लिए।
सुधीर अगर आपको घर जाने में देरी नहीं हो रही हो तो कुछ देर कहीं रुक कर बाते कर सकते हैं। रंजना ने भी हा बोल दिया वह लोग अल्बर्ट हॉल की तरफ निकल गए। वही उन लोगों ने गाड़ी पार्किंग में लगाई और पार्क में एक तरफ जाकर बैठ गए।
सुधीर बोला परी जब 2 साल की थी तब उसकी मां हम दोनों को अकेला छोड़ कर चली गई उसे ब्लड कैंसर था। हमने बहुत कोशिश की उन्हें बचाने की पर हम उन्हें बचा नहीं पाए । हम दोनों ने शुरू से ही गरीबी देखी थी और दोनों ने साथ मिलकर अपने छोटे से परिवार को खड़ा किया था पर किसने सोचा था यह परिवार इतना जल्दी टूट जाएगा। हम दोनों ने सपने देखे थे साथ निभाने के पर भगवान को कुछ और ही मंजूर था और उन्होंने उसे जल्दी ही बुला लिया उसके बाद में पूरी तरीके से टूट गया था ।
परी के सामने खुद को कितना भी मजबूत दिखा दूं पर अकेले में तो बिखरा हुआ ही हूं परी को भी मैंने अकेले में रोते देखा है वह मेरे सामने कभी नहीं रोती । उसे भी मां की कमी महसूस होती है।
इतना बोलकर सुधीर चुप हो जाता है रंजना जब उसकी तरफ से देखती है तो उसकी आंखों में आंसू थे। सुधीर ने अपनी जेब से रुमाल निकाल कर अपनी आंखों से आंसू पहुंचता है फिर चेहरे पर झूठी मुस्कान लाकर बोलता है मैंने आपको भी इमोशनल कर दिया चलो चलते हैं आपको देर हो रही होगी। रंजना बोली मेरे पति सेल्समैन का काम करते थे हम दोनों जॉब करके अपना घर चलाते थे जैसे आप दोनों के अलावा कोई और नहीं था वैसे भी हम दोनों के अलावा भी कोई और नहीं था हम दोनों ने अपना छोटा सा परिवार खड़ा किया था जिसमें मैं राघव सोनू और साहिल था।
उस दिन सोनू का बर्थडे था और राघव ने कहा था की वो जॉब केक लेकर आएगा पर वह लेट हो गए थे । रास्ते में उन्होंने केक लिया और वह तेजी से घर की तरफ आ रहा थे की बीच में ही उन्हें किसी ट्रक वाले ने टक्कर मार दी और राघव को भी तड़पता हुआ छोड़कर वह चला गया। रोड पर चलते हुए कुछ लोगों ने उसे हॉस्पिटल पहुंचाया पर ज्यादा खून बहने की वजह से राघव हमें छोड़कर चला गया।
राघव के चले जाने के बाद हमारा पूरा परिवार ही टूट गया था जैसे तैसे हम लोगों ने फिर से जीना शुरू किया फिर एक दिन अचानक मेरी बेटी गायब हो गई। मैंने बहुत कोशिश की उसे ढूंढने की परवाह नहीं मिली पुलिस केस किया पुलिस वालों ने कहा और किसी के साथ भाग गई होगी, कहीं अपना मुंह काला करवा रही होगी उन्होंने भी उसे नहीं ढूंढा और केस बंद कर दिया । अब मैं और साहिल है हम दोनों के जीने की वजह एक दूसरे ही है।
दोनों के हाथ में जो आइसक्रीम थी वह पिकल चुकी थी वह बोली हमें घर चलना चाहिए काफी रात हो गई है रंजना और सुधीर दोनों गाड़ी की तरफ आए। गाड़ी में 1 लंबी खामोशी थी दोनों ही कुछ नहीं बोल रहे थे उन्होंने एक दूसरे के सामने अपने पास्ट की बाते शेयर की थी दोनों की पास्ट लाइफ में बहुत ही ज्यादा दर्द था।
सुधीर गाड़ी रंजना के घर के सामने रोकता है ब्रेक लगने की वजह से रंजना अपनी सोच से बाहर आती है और अपनी आंखें खुलती है जो इतनी देर से आंखें बंद करके बैठी हुई थी। वह अपना सामान लेकर गाड़ी से उतरती है और वहां से जाने लगती है फिर वह वापस आती है और सुधीर को आइसक्रीम के लिए और लिफ्ट देने के लिए थैंक्स बोल कर वापस अंदर चली जाती है । सुधर जाती हुई रंजना को देखता रहता है जब वह घर के अंदर चली जाती है तो फिर गाड़ी स्टार्ट करके अपने घर के लिए निकल जाता है।
जब वह घर पहुंचता है तब उसे परी दिखाई देती है जो सोफे पर बैठ कर अपना काम कर रही थी जैसे सुधीर को देखती है भाग कर उसके पास आती है। परी उसके गले लगती है फिर सुधीर कपड़े चेंज करके वापस आता है और फिर दोनों मिलकर खाना बनाते हैं।
साहिल और रंजना ने भी साथ मिलकर खाना बनाया और दोनों साथ बैठकर खाना खाने लगे । साहिल बोला आपको पता है मां परी को उसकी मां की बहुत याद आती है आज लंच टाइम में हम दोनों बैठ कर खाना खा रहे थे तब बातों ही बातों में मैंने कह दिया कि मेरी मां बहुत ही अच्छा खाना बनाती है । मेरी मां दुनिया की सबसे बेस्ट मां है। इतना सुनते उसकी आंखों में आंसू आ गए और रोने लग गई थी ।
उसने रोते हुए मुझे बताया था उससे अपनी मां की बहुत याद आती है पर वह अपने पापा के सामने नहीं रो सकती क्योंकि उसके पापा उसकी वजह से ही जी रहे हैं उसने भी अपने पापा को अकेले में रोते हुए देखा।
साहिल की बात रंजना बहुत ही अच्छी तरीके से सुन रही थी रंजना साहिल को सुला कर फिर अपने कमरे में जाकर बेड कर लेट गई। उसे नींद नहीं आ रही थी खुली आंखों से छत को देख रही थी । देर रात उसको नींद आई। अगले दिन सुबह रंजना और साहिल स्कूल के लिए निकल गए । जहा उनकी मुलाकात सुधीर और परी से होती है परी रंजना सुधीर के पास जाती है साहिल को लेकर गुड मॉर्निंग विश करती हैं।
सुधीर साहिल को बर्थडे विश करता है साथ में परी भी उसे बढ़ते विश करती हैं । रंजना सुधीर से बोलती है आज आप दोनों शाम को हमारे घर पर ही खाना खाओगे । सुधीर बोलता है इसकी क्या जरूरत थी आप ऐसे ही परेशान होंगी । रंजना परी की तरफ देख कर बोलती है बेटा आपके पापा को नहीं आना है शायद उन्हें भूख नहीं लगती आप चले आना यह भूखे ही रह लेंगे । अगर इनका आने का मन ना हो तो परी उसकी बात पर हंसने लगती है साथ में रंजना को भी हंसी आ गई।
परी और साहिल दोनों स्कूल में चले गए थे सुधीर रंजन ऑफिस के लिए निकल चुके थे । रंजना को ऑफिस के बाहर छोड़कर सुधीर जाने लगा तो रंजना ने उसे रोककर कहां हम लोग वेट करेंगे आप दोनों का आप टाइम से आ जाना । सुधीर ने आंखों से इशारा किया और निकल गया। रंजना ने आज हाफ डे लिया था तो दोपहर तक उसने अपना काम खत्म किया और मैनेजर से छुट्टी लेकर घर के लिए निकल गई घर जाकर उसने शाम के खाने की तैयारियां शुरू की।
साहिल भी दोपहर में आ गया था उसने जब बाहर जाकर देखा तो गाड़ी रुकने की आवाज आई जिसमें साहिल उतरा यह गाड़ी सुधीर की थी जिसमें ड्राइवर था और परी थी।
कमश:
।। जयसियाराम ।।
vishalramawat"सुकून"(जाना)
Natasha
05-Apr-2023 01:07 PM
Nice
Reply
Gunjan Kamal
13-Feb-2023 11:30 AM
शानदार
Reply
डॉ. रामबली मिश्र
09-Feb-2023 08:38 AM
शानदार भाग
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